डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब Unified Payments Interface (UPI) के माध्यम से किए गए ट्रांजैक्शनों पर कोई GST (Goods and Services Tax) नहीं लिया जाएगा। यह फैसला खास तौर पर आम लोगों और छोटे व्यापारियों के लिए राहत भरा है, जो रोज़मर्रा के लेन-देन के लिए UPI का इस्तेमाल करते हैं।

क्या है नया फैसला?
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि UPI के जरिए की जाने वाली पेमेंट्स पर कोई अतिरिक्त GST नहीं लगेगा। कुछ समय से सोशल मीडिया पर अफवाहें चल रही थीं कि सरकार UPI ट्रांजैक्शनों पर टैक्स लगाने जा रही है, लेकिन अब सरकार ने इस पर रोक लगा दी है और स्पष्ट कर दिया है कि UPI सेवाएं पहले की तरह निशुल्क रहेंगी।
22 जुलाई को राज्यसभा के मॉनसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने की कोई सिफारिश नहीं की है। जीएसटी काउंसिल एक संवैधानिक संस्था है, जिसमें केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह काउंसिल जीएसटी से जुड़े टैक्स रेट्स और छूट का फैसला करती है। चौधरी ने यह भी साफ किया कि यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी लगाने का कोई प्लान नहीं है।
किसे होगा सबसे ज़्यादा फायदा?
- आम उपभोक्ताओं को रोज़मर्रा की खरीदारी में राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
- छोटे दुकानदार और व्यापारी, जो डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा दे रहे हैं, अब निश्चिंत होकर UPI को अपना सकते हैं।
- फ्रीलांसर और छोटे सेवा प्रदाता, जिन्हें छोटे-छोटे पेमेंट्स के लिए UPI पसंदीदा माध्यम है, वे भी इससे लाभान्वित होंगे।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को मज़बूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह फैसला न सिर्फ़ डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देगा, बल्कि नकद लेन-देन पर निर्भरता भी कम करेगा। इससे काले धन की रोकथाम और ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
UPI के मौजूदा आँकड़े
भारत में हर महीने 10 अरब से अधिक UPI ट्रांजैक्शन हो रहे हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। NPCI (National Payments Corporation of India) के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा UPI इकोसिस्टम बना चुका है।
निष्कर्ष:सरकार का यह निर्णय UPI को और अधिक सुलभ और विश्वसनीय बनाता है। UPI पर GST नहीं लगने का फैसला न केवल आम जनता के लिए राहत की बात है, बल्कि यह भारत को कैशलेस इकोनॉमी की ओर तेज़ी से बढ़ाने में भी सहायक होगा।
डिजिटल इंडिया का सपना अब और भी सस्ता और सुगम!