
भारत में तकनीक और इनोवेशन का स्तर हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अब एक और चौंकाने वाली और गर्व की बात सामने आई है – भारत में जेट इंजन बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। और दिलचस्प बात ये है कि इस बड़ी योजना के पीछे एक टेक इंडस्ट्री के नामी चेहरा और Zomato के CEO दीपिंदर गोयल का नाम सामने आ रहा है।
क्या है Zomato CEO का प्लान?
Zomato के संस्थापक और CEO दीपिंदर गोयल अब सिर्फ फूड डिलीवरी तक सीमित नहीं रहना चाहते। उन्होंने एक नए वेंचर की घोषणा की है जिसका मकसद भारत में घरेलू स्तर पर जेट इंजन डिजाइन और निर्माण करना है।
इस प्लान के तहत, वे एक टॉप-लेवल इंजीनियरिंग टीम बना रहे हैं, जिसमें एयरोस्पेस, प्रोपल्शन और मैकेनिकल डिजाइनिंग के अनुभवी विशेषज्ञ शामिल होंगे।
भारत में जेट इंजन बनाने का क्या मतलब है?
अब तक भारत में जेट इंजन जैसे उच्च तकनीकी उपकरण पूरी तरह से स्वदेशी रूप से नहीं बनाए गए हैं। हमें विदेशी कंपनियों जैसे GE, Rolls Royce या Safran पर निर्भर रहना पड़ता है।
अगर दीपिंदर गोयल की योजना सफल होती है, तो भारत पहली बार अपने दम पर एक अत्याधुनिक जेट इंजन बना सकता है – जो डिफेंस, एविएशन और स्पेस टेक्नोलॉजी में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
कौन सी टीम हो रही तैयार?
सूत्रों के मुताबिक, इस नए प्रोजेक्ट के लिए एक्स DRDO और ISRO इंजीनियरों से संपर्क किया जा रहा है,IIT और MIT जैसे संस्थानों के रिसर्चर भी टीम में शामिल हो सकते हैं दुनिया भर से टेक्निकल टैलेंट को भारत लाने की योजना है।दीपिंदर गोयल ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कहा अब समय आ गया है कि भारत सिर्फ उपग्रह या सॉफ्टवेयर ही नहीं, बल्कि जेट इंजन जैसे कटिंग-एज हार्डवेयर भी खुद बनाए। हम इसे यथार्थ में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं
क्या होगा भारत को फायदा?
डिफेंस इंडिपेंडेंस: भारत को अपनी सेनाओं के लिए विदेशी इंजन पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।इनोवेशन और रिसर्च में ग्रोथ नए इनोवेशन सेंटर और रिसर्च लैब्स स्थापित होंगी।रोजगार में वृद्धि इंजीनियरिंग और तकनीकी सेक्टर में नई नौकरियों का सृजन।मेक इन इंडिया मिशन को बूस्ट: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम।Zomato के CEO दीपिंदर गोयल का यह कदम न केवल साहसिक है, बल्कि भारत की तकनीकी ताकत को दिखाने वाला भी है। अगर ये प्रोजेक्ट सफल होता है, तो भारत जेट इंजन मैन्युफैक्चरिंग में एक ग्लोबल प्लेयर बन सकता है।अब देखने वाली बात ये होगी कि यह सपना हकीकत में कब और कैसे बदलता है।